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एलर्जी से कोविड-19 के संक्रमण का खतरा कम

by रोज़ा

एलर्जी से SARS-CoV-2 के संक्रमण का खतरा कम

मुख्य निष्कर्ष

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) द्वारा किए गए एक व्यापक अध्ययन में एलर्जी और SARS-CoV-2 के संक्रमण के खतरे के बीच संबंध को लेकर कुछ रोचक तथ्य सामने आए हैं। अध्ययन में खुलासा हुआ है कि खाने से एलर्जी वालों में वायरस से संक्रमित होने की आशंका काफी कम होती है। इससे पता चलता है कि कुछ खास तरह की इम्यून प्रतिक्रियाएं SARS-CoV-2 से सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं।

खाने से होने वाली एलर्जी का SARS-CoV-2 के संक्रमण पर असर

NIH के अध्ययन में 1,400 घरों के 4,000 से ज़्यादा प्रतिभागियों, जिनमें बच्चे भी शामिल थे, के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। नतीजों से पता चला कि बिना किसी एलर्जी वाले लोगों के मुकाबले खाने से एलर्जी वाले लोगों में SARS-CoV-2 से संक्रमित होने का खतरा 50% कम था। यह दर्शाता है कि हो सकता है खाने से एलर्जी कुछ हद तक इस वायरस से सुरक्षा देती हो।

मोटापे और BMI का असर

खाने से होने वाली एलर्जी के सुरक्षात्मक प्रभाव के विपरीत, अध्ययन में यह भी पाया गया कि मोटापे और अधिक बॉडी मास इंडेक्स (BMI) से SARS-CoV-2 के संक्रमण का खतरा बढ़ता है। यह इस बात को रेखांकित करता है कि अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने और वायरल संक्रमणों के प्रति अतिसंवेदनशीलता को कम करने के लिए स्वस्थ वज़न बनाए रखना ज़रूरी है।

अस्थमा और एक्ज़ेमा: संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ा

पिछली धारणाओं के उलट, अध्ययन में यह बात सामने आई कि अस्थमा और एक्ज़ेमा से SARS-CoV-2 के संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता। इससे यह धारणा गलत साबित होती है कि श्वसन संबंधी बीमारियां वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ा देती हैं।

टाइप टू सूजन और ACE2 रिसेप्टर

शोधकर्ताओं का अनुमान है कि टाइप टू सूजन, जो एक्ज़ेमा और कुछ प्रकार के अस्थमा जैसी एलर्जिक स्थितियों से जुड़ी एक आम इम्यून प्रतिक्रिया है, SARS-CoV-2 से संक्रमण का खतरा कम करने में मदद कर सकती है। माना जाता है कि टाइप टू सूजन वायुमार्ग कोशिकाओं की सतह पर ACE2 रिसेप्टर के स्तर को कम करती है। ACE2 रिसेप्टर SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन का प्राथमिक प्रवेश बिंदु है, जो वायरस को कोशिकाओं को संक्रमित करने में सक्षम बनाता है। ACE2 रिसेप्टर की संख्या को कम करके, टाइप टू सूजन वायरस की कोशिकाओं में प्रवेश करने और उन्हें संक्रमित करने की क्षमता को सीमित कर सकती है।

सुरक्षा के तरीके

हालांकि यह अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि एलर्जी वाले लोगों में SARS-CoV-2 के संक्रमण का खतरा कम क्यों होता है, लेकिन शोधकर्ता इसकी कई संभावित वजहें तलाश रहे हैं। एक संभावना यह है कि एलर्जी से कुछ ऐसे इम्यून मॉलिक्यूल्स बनते हैं जो वायरस की प्रतिकृति बनाने की क्षमता को रोकते हैं। एक और परिकल्पना यह है कि एलर्जिक स्थितियां वायरस को पहचानने और उसे और अधिक प्रभावी ढंग से साफ करने की इम्यून प्रणाली की क्षमता को बढ़ा सकती हैं।

जन स्वास्थ्य के लिए निहितार्थ

NIH अध्ययन के निष्कर्ष बच्चों के टीकाकरण और SARS-CoV-2 के संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक जन स्वास्थ्य उपायों को लागू करने के महत्व पर ज़ोर देते हैं। वायरस से व्यक्तियों और कमज़ोर आबादी की सुरक्षा के लिए टीकाकरण ही सबसे कारगर तरीका है।

नए शोध के निर्देश

अध्ययन के निष्कर्ष इम्यून प्रणाली, एलर्जिक स्थितियों और वायरल संक्रमणों के बीच जटिल अंतर्संबंधों पर शोध के नए रास्ते खोलते हैं। भविष्य के अध्ययनों में उन विशिष्ट इम्यून तंत्रों की पहचान करना होगा जो एलर्जी वाले लोगों में देखे गए सुरक्षात्मक प्रभावों के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अतिरिक्त, शोधकर्ता SARS-CoV-2 और अन्य वायरल संक्रमणों से सुरक्षा को बढ़ाने के लिए इम्यून प्रतिक्रियाओं को संशोधित करने के संभावित लाभों का पता लगाएंगे।

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